श्यामसुंदर म्हारे बसे तन मन में, सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।
बंसी रो बजाइयो म्हारे बसे तन मन में, सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।
महल मालिया राणा मने कोनी भावे जी। जिवडलो लगायो महे तो हरी रे भजन में।बंसी रो बजाइयो म्हारे बसे तन मन में, सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।
राज पाट राणा किन ने दिखावे रे। प्रीत संसारी तोड़ी हुई रे जोगन में। बंसी रो बजाइयो म्हारे बसे तन मन में, सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।
साड़ी रे चुनरिया राणा म्हाने कोनी भावे रे।तंदुरा बजावा महे तो जावा सत्संग में।बंसी रो बजाइयो म्हारे बसे तन मन में, सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।
सुन रे सांवरिया मेरा कहवे मैं दीवानी रे।सारा सुख छोड़या महे तो थारा रे भजन में।बंसी रो बजाइयो म्हारे बसे तन मन में, सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।
श्यामसुंदर म्हारे बसे तन मन में, सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।सुन मुरली री धुन हुई रे मगन में।