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Prem me kakra padgaya,लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया

लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

मां का जाया भाया में भी आंतरा पड़गया।लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न चारों ने जुग जाने।त्याग भरत सो कौन कर पावे त्याग दई रजधानी।तोड़ दई मर्यादा मिनख काई, भात्रा बनगया।लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

मां का जाया भाया में भी आंतरा पड़गया।लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

कृष्ण और बलदेव सरीखा द्वापर धूम मचाई। हर नादानी माफ करयो बलराम बडोडो भाई।अब भाया में सकुनी जेडा बांद्रा बड़गया।लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

मां का जाया भाया में भी आंतरा पड़गया।लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

नाम कमाया जुगड़ा माही रूपो और वसंत।बढ़िया जीवन झोला प्रेम को हो नही पायो अंत।भाइपना की हरि बेल ने सासरा चरगया।लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

मां का जाया भाया में भी आंतरा पड़गया।लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

एक थाल में बैठ जिमता करता ठाठ हतायां।अब समझाती हार गई जन्माया जामन जाया। मालुनी मोतया रा मानस कांकरा पड़गया।लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

मां का जाया भाया में भी आंतरा पड़गया।लगी कलजुग री फटकार प्रेम में कांकरा पड़गया।

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