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राम भजन लिरिक्स

Nirmal man ke darpan me wah ram ke darshan payega,निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा,ram bhajan

निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।

समय हाथ से निकल गया तो सिर धुन धुन पछतायेगा। निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।समय हाथ से निकल गया तो सिर धुन धुन पछतायेगा। निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।



राम नाम के साबुन से जो मन का मेल छुडायेगा। निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।समय हाथ से निकल गया तो सिर धुन धुन पछतायेगा। निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।

झूठ कपट निंदा को त्यागो,हर प्राणी से प्यार करो।घर पर आये अतिथि कोई तो यथा शक्ति सत्कार करो।समय हाथ से निकल गया तो सिर धुन धुन पछतायेगा। निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।

नारायण मिल जाएगा पता नहीं किस रूप में आकर।निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।समय हाथ से निकल गया तो सिर धुन धुन पछतायेगा। निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।



राम नाम के साबुन से जो मन का मेल छुडायेगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।समय हाथ से निकल गया तो सिर धुन धुन पछतायेगा। निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पायेगा।

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