आए हैं राम मेरे राम राम, आए हैं राम मेरे राम राम,आए हैं राम मेरे राम राम। कितने बरस रहे दूर यह घर से। जिनके दरस को नैना तरसे। देश यह सारा कहने को उनका, पर उनको मिला एक भूमि का तिनका। समय का पहिया घूम गया फिर पहुंचा आयोध्या उनका नाम। आए राम मेरे राम राम,आए राम मेरे राम राम,
दीप जलाओ मंगल गाओ नाम जपो सब सुबह शाम।राह पे उनकी फूल सजाओ मिलकर बोलो जय सियाराम। खत्म हुई वनवास की अवधि, अपने घर में आए राम। आए राम मेरे राम राम,आए राम मेरे राम राम,
गंडकी नदी से दो पावन शीला आई है शालिग्राम।उसमे बसे है दशरथ नंदन कौशल्या मां के श्री राम।खत्म हुई वनवास की अवधि, अपने घर में आए राम। आए राम मेरे राम राम,आए राम मेरे राम राम,