उमरिया बीती जाए रे।
जीवन जल की भरी गगरिया, रीती जाए रे।।उमरिया बीती जाए रे।
जीवन का जो सुखद सवेरा, बीत गया वो बचपन तेरा।
उस सुंदर सपने की फिर भी, याद सताए रे।उमरिया बीती जाए रे।
जीवन का दोपहर जवानी, तेरी मस्ती भरी कहानी।
इस मस्ती में ओ मस्ताने, क्यों बौराए रे।उमरिया बीती जाए रे।
ढलते ही मदमस्त जवानी, तेरी होगी खत्म कहानी।सांझ समान बुढापा वैरी, फेर अरराय रे।उमरिया बीती जाए रे।
ढलते साँझ अंधेरा छाए, ना कुछ सूझे न कुछ भाए।भोले चेत फ़ौज यम की अब, बढ़ती आए रे।उमरिया बीती जाए रे।
ऋषियों का संदेश यही है, मुनियों के उपदेश यही है।जपले नाम विमल मन पृभु का, जो सुख चाहे रे।उमरिया बीती जाए रे।