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Pataliya ishar ji galiya me aawe gora jhumti,पातलिया इशरजी गलीयां मं आव गौरां झूमती,gangor geet

पातलिया इशरजी, गलीयां मं आव गौरां झूमती ।

चंद्र गवरजा म्हांरी चंद्र गवरज्या रतनां रा खंभा दिख दूर स्यूं । पातलिया इशरजी, गलीयां मं आव गौरां झूमती ।

गढ़ स्यूं गौरां उतरी जी, हाथ कमल रो फूल म्हांरी चंद्र गवरज्या रतनां रा थंम्बा दिख दूर स्यूं ।पातलिया इशरजी, गलीयां में आव गौरां झूमती।

हाथां मेहन्दी राचणी जी चूड़ला से सरब सुहाग। कानां मं कुन्डल पेरल्यो जी, कोई झूटणा री अजब बाहार जी। म्हांरी चंद्र गवरज्या रतनां रा खम्बा दिख दूर स्यूं । पातलिया इशरजी, गलीयां मं आव गौरां झंगती।

माथा में मैमद पेरल्यो जी, रखड़ी की अजब बहार । भंवर बिजली खिंवस जी, नैन निंबू की फांक जी। म्हांरी रूप गवरज्या सुवरण री कलियां आव झूमती ।

होटा बिड़ला रच रया जी, दांत दाडु का बीज । जिभइल्या अमृत बस जी, कोई, नाक सुवा की चोंच जी। म्हांरी चंद्र गवरज्या, भलाई नादान गवरज्या ,रतना रा खंभा दिख दूर स्यूं। पातलिया इशरजी, गलीयां में आव गौरां झूमती।

मूंगफली सी आंगली जी, बेलन की सी बांह। पसवाड़ा पासा भवर, कोई पेट गवां की लोथ जी। म्हांरी चंद्र गवरज्या रतनां रा खंभा दिख दूर स्यूं।

पीन्डी तो रत्नालियांस जी जांघ दिवल को थम्ब जी। एडी सुरग सुपारीयां जी कोई, फाबो सठवा सूंठ जी। म्हांरी चंद्र गवरज्या रतनां रा थंम्बा दिख दूर स्यूं । पातलिया इशरजी, गलीयां मं आव गौरां झुंमती ।

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