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Paach mohar ro sayba pot mangadyo,पांच मोयर रो सायबा पोत मंगाद्यो,jachha geet

पांच मोयर रो सायबा पोत मंगाद्यो ।

पांच मोयर रो सायबा पोत मंगाद्यो । कोई हाथ पच्चीसां गज तीसां गाढ़ा मारुजी- पीलो रंगा द्यो। विकाण सहरस्यूं सायबा, रंगारो बुलादयो

कोई जच्चा से पीलो रंगावो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो। आपण आंगणीयमं सायबा हवद खिणावो।कोई आप लश्करीया बैठ रंगावो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा दयो।

जैपूर शहर रो सायबा, बन्धारो बुलादयो। कोई दिल्ली रो रंगरेजो बुलावो गाढ़ा मारुजी- पीलो रंगा द्यो।



अल्ला तो पल्ला सायब, मोर पपैया ।
कोई बीच मं सोना रो सुरज, छपावो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।
आप री जोड़ी र सायबा, छैल बुलादयो। कोई दे दे फटकारा सुखावो, गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।

रंगो ए रंगायो पीलो हुयो रे तैयारी।
कोई जच्चा न पड़द मं पकड़ा दयो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो। पीलो तो ओढ़ म्हारी जच्चा पाट बिराज।कोई जोशी जी सरायो धण रो पीलो गाढ़ा मारूजी – पीलो रंगा द्यो।

पीलो तो ओढ़ म्हारी जच्चा, जलवांजी पूजया,
कोई सारो ही शहर सरायो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।पीलो तो ओढ़ म्हारी जच्चा रसोईया पघारया। कोई सासू जी सरायो धण रो पीलो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।



पीलो तो ओढ़ म्हारी जच्चा आंगण मं आई। कोई देराणयां, जेठाण्यां मुख मोड़यो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्योथे ओ भाभीसा म्हारां, क्यूं मुख मोड़यो।कोई पीलो म्हार पीवरीय स्यूं आयो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।

कोई पीलो म्हारो जामण जायो ल्यायो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा दो ।कद ओ देराणी म्हारां पीवर गया छां । कोई किसड़ महीन मं पीलो ल्याया गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।



सावण महीन भाभीसा पीवर गया छां। कोई भर दे भादूड़ मं पीलो ल्याया गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।पीलो तो ओढ म्हारी जच्चा महलां पधारी कोई लोड़ी सौतन री निजर लागी गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।

आंख्या नहीं खोल म्हारी जच्चा, मुखड़ना बोल।
कोई जच्चा रो राजन विलख्यो डोल गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो। दिल्ली शहर स्यूं सायंवा, बेद बुलावो। कोई जच्चा री नाड़ दिखावो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।



नाड़ी नाड़ी रो बैद रूपीया जी मांग।
कोई मुख स्यूं बोलाई मोहर पच्चीसां गाढ़ा मारूनी – पीलो रंगा द्यो लोड़ी सौतन न सायबा उर रे बुलावो। कोई जच्चा न युथकारो घलावो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।



आंख्या भल खोल म्हारी जच्चा, मुखड़ भल बोल। कोई जच्चा रो राजन हरख्यो डोल गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।

आपर चढ़ण रो सायबा घुड़लो बगसावो ।
कोई जच्चा र जीव री बधाई गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो। तूं रे बैद्य रा बेटा असल ठगारो। म्हार भोला राजन न ठग लियो गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।म्हार सुदा राजन न ठग लियो गाढ़ा मारुजी- पीलो रंगा द्यो।




थे म्हारां जच्चा राणी छल छिंणगारा कोई सुदा राजन न चरित दिखाया, गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो। म्हे म्हार मारुजी रो, मनड़ो सो देख्यो।
कोई प्यारा छां दु प्यारा, गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो ।



पेली म्हांरा जच्चाराणी थोड़ा-थोड़ा प्यारा। कोई धेनड़ जाया स्यूं घणा पियारा, गाढ़ा मारुजी – पीलो रंगा द्यो।

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