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Dadaji ro poto jayo bade harakh ki baat,दादाजीरो पोतो जायो बड़े हरख की बात,jachha geet

दादाजीरो पोतो जायो बड़े हरख की बात

तर्ज,मात पिता प्रभु गुरु चरणों

दादाजीरो पोतो जायो बड़े हरख की बात, थारो बंस बढ्यो है आज।थारो बंस बढ्यो है आज।

पहलो महीनो लाग्यो धण नं, पछायां री आई मनमें। दूजो तीजो लाग्यो धण नं, रसगुल्लारी आई मनमें। सासूजी थारी रली पूराव, रसगुल्ला दिया रे मंगाय, थार पोतो जलम्यो आज।दादाजीरो पोतो जायो बड़े हरख की बात, थारो बंस बढ्यो है आज।थारो बंस बढ्यो है आज।



यो पांचवो महीनो आयो, दही बड़ा में मन ललचायो। महीनो छठो, खातयों लाग्यो, सेंड बीच में मनडो भाग्यो। काकी जी यांरी रली पुराव, दही बड़ा दिया रे मंगाय, थारो बंस बढ्यो है आज।दादाजीरो पोतो जायो बड़े हरख की बात, थारो बंस बढ्यो है आज।थारो बंस बढ्यो है आज।



जच्चा न आंठयो महीनो लाग्यो, सर सर सीरो भवन लाग्यो। भाभीजी यांरी रली रे पूराव, सीरो दियो रे बनाए,थारो बंस बढ्यो है आज।दादाजीरो पोतो जायो बड़े हरख की बात, थारो बंस बढ्यो है आज।थारो बंस बढ्यो है आज।





जच्चा ने पूरो महीनो लाग्यो, याद घेनइरी आवण लागी।। नौ महीनां तकलीफ उठाई, आज प्रभु मेरी अरज पूराई। जच्चा रो जीवड़ो घबरायो, धस के घेनड़ जलमर आयो। भूवाजी जब सुणी धेनड़ री फोन पे फोन मिलाया। थार पोतो जलम्यो आज।

दादाजीरो पोतो जायो बड़े हरख की बात, थारो बंस बढ्यो है आज।थारो बंस बढ्यो है आज।

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