सोने री चिड़कली रे प्यारो मारो देशड़लो।
आ तो नर वीरा री खान जगत अगवाणी रे।।
ई धरती नर नायर जाया,नारिया भी रण में हाथ दिखाया,सूरा लड़ता शीश कट्योड़ा,
देख्या पाच्छा नहीं हट्योड़ा,रण में सदा विजय ही पाई,सारे धर्म ध्वजा लहराई,
कर्म भोम है रे श्री भगवान री,लियो बार-बार अवतार।।अमर कहानी रे….
सोने री चिड़कली रे प्यारो मारो देशड़लो।
आ तो नर वीरा री खान जगत अगवाणी रे।।
आ धरती है ऋषि मुनिया री,चिंता करती सब दुनिया रे,गूंजी अट्ठे वेद री वाणी,गीता रण में पड़ी सुननी,विकस्यो ज्ञान अठे ही,जन्मी सारी कला अठे ही,जगतगुरु ही है भारत भारती, अब तन मन जीवन वार।।बाछ बिलाणी रे….
सोने री चिड़कली रे प्यारो मारो देशड़लो।
आ तो नर वीरा री खान जगत अगवाणी रे।।
सोने री चिड़कली रे प्यारो मारो देशड़लो।
आ तो नर वीरा री खान जगत अगवाणी रे।।