प्रीत लगा पछताऊं पीवजी नैना नीर बहावे है।कालजिए रो काई करूं सा थाने ही बस चावे है।हार गई में बालम था बिन एकली। जातोड़ो बटेउ म्हाने ओले छाने देख ली।छाने छाने देखली,ओले छाने देखली।जातोड़ो बटेउ म्हाने ओले छाने देख ली।
धक धक धड़के काळजो,तो कुण इने समझाय,
मैं बरजू रे बटाउँड़ा,म्हासूं मत ना नेण मिलाय।
खड़ी नीम के नीचे मैं तो एकली,जातोड़ो बटाऊँ म्हाने,छाने छाने देख ली,ओले छाने देख ली
ओले छाने देख ली,जातोड़ो बटाऊँ म्हाने,
छाने छाने देख ली।
किसे देश से आया भँवर जी,किसे देश थे जावेला,कूण्यां जी रा कुँवर लाड़ला,
साँची बात बताओला,में थाने पूछूँ,खड़ी कंवर जी एकली,जातोड़ो बटाऊँ म्हाने,
छाने छाने देख ली।
परदेशी बलम रसिया म्हे जोवां,थारी बाटड़ली,
आवण में थे देर करी तो,कइयाँ कटेली रातड़ली,
कर सोल्हा श्रृंगार उडीकू एकली,जातोड़ो बटाऊँ म्हाने,छाने छाने देख ली।
प्रीत लगाकर भूल नहीं ज्याज्यो,याद घणी थारी आवेली,पंगलया री पायलड़याँ थाने,झाला देर बुलावेली,कइयाँ रहूँली,थारे बिन बालम एकली,
जातोड़ो बटाऊँ म्हाने,छाने छाने देख ली।
खड़ी नीम के नीचे मैं तो एकली,जातोड़ो बटाऊँ म्हाने,छाने छाने देख ली,ओले छाने देख ली
ओले छाने देख ली,जातोड़ो बटाऊँ म्हाने,
छाने छाने देख ली।