तर्ज – मन की बाता सवरिये ने आज सुनाके देख ले
अपनो जान के तन्ने बाबा दिल का हाल सुनावा जी।तु भी ना सुने तो इतनो बता दे -2, और कठे म्हे जावा जी।
सारी दुनिया बोले बाबा सेठ बड़ो तू मोटो जी -2
ऐक मुटठी में भर जावोगे महारो पल्लो छोटो जी -2याही सोच के दौड़ा दौड़ा -2 , थारै दर पर आवा जी।तु भी ना सुने तो इतनो बता दे -2, और कठे म्हे जावा जी।
अपनो जान के तन्ने बाबा दिल का हाल सुनावा जी।तु भी ना सुने तो इतनो बता दे -2, और कठे म्हे जावा जी।
बिन माँगया देवो हो सबने म्हे तो दाता मांग रहया जी।किरपा खातिर कीर्तन माही कई कई राता जाग रहया जी।मीठा मीठा भजना सु मैं -2, थाने रोज रिझावा जी।तु भी ना सुने तो इतनो बता दे -2, और कठे म्हे जावा जी।
अपनो जान के तन्ने बाबा दिल का हाल सुनावा जी।तु भी ना सुने तो इतनो बता दे -2, और कठे म्हे जावा जी।
म्हे तो हा चरणा का सेवक थे म्हारे सिर का ताज जी।रोमी की एक अर्ज़ी बाबा सुननी पड़सी आज जी।थारै होता क्यु मैं बाबा-2, दर दर ठोकर खावा जी।तु भी ना सुने तो इतनो बता दे -2, और कठे म्हे जावा जी।
अपनो जान के तन्ने बाबा दिल का हाल सुनावा जी।तु भी ना सुने तो इतनो बता दे -2, और कठे म्हे जावा जी।