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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Gokul me radha kanha se jhagdi,गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी,krishna bhajan

गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी

गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी। कान्हा क्यों गए थे गुजरी की नगरी।

वह छाछ बिलोती है। वह माखन बनाती है। माखन खाने गया था गुजरी की नगरी।गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी। कान्हा क्यों गए थे गुजरी की नगरी।

गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी। कान्हा क्यों गए थे मालण की नगरी।वह बगिया लगाती है वह माला बनाती है। मैं माला लेने गया था मालन की नगरी। गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी। कान्हा क्यों गए थे गुजरी की नगरी।

गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी। कान्हा क्यों गए थे कुब्जा की नगरी। वह चंदन घिसती है और तिलक लगाती है। मुझे प्यारी लगे कुब्जा की नगरी। गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी। कान्हा क्यों गए थे गुजरी की नगरी।

गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी। कान्हा क्यों गए थे भक्तों की नगरी। वह भजन सुनाते हैं और मुझको बुलाते हैं। मुझको प्यारी लगे भक्तों की नगरी। गोकुल में राधा कान्हा से झगड़ी। कान्हा क्यों गए थे गुजरी की नगरी।

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