ओ कुण तोड़ ए बीरा मरवा रा पान, ओ कुण बाड़ी जी रूंधसी ।इशर दास तोड़ ए बीरा, मरवा पान, कन्हैया लाल बाड़ी जी रूंधसी
उभी मालण ए मालण कर रे पुकार, राजेड़ा बिरमादास जी री कोटरया, ये बिरमादास जी ओ थांरा कंवरा न राख बाग बडूछ बाड़ी रूंधसी।
गेली मालन ए मालण असल गीवार, म्हांरा छ कंवर लाडला। गेली मालण ए मालण असल गीवार म्हांरा जी कंवर घोड़ी चढ़या।
दिन दस छ ए बाई गंवारा रो साथ, घुड़ला जी फेरण निसरया। तीजणीया मंए बाई सूदरां रो साथ, हाथ कांकड़ मेंहदी राचणी।
तीजणीयां मं ए बाई रोवा रो साथ लाल चूड़ों बोरंग चूनड़ी। नोट : इसी तरह घर वालों का नाम लेव।