तर्ज,मोरिया आच्छो बोलयो
गवरजा ईशर हठीलो उभो बाग में (३)। हो थांने झालो देय बुलाय गवरजा, ईशर हठीलो उडिके बाग में।
गवरजा रबड़ी से प्यालो लीने हाथ में (३)हो लीनी जळ भर झारी साथ गवरजा, गढ़ा है कोटां सूं हेठे उत्तरी।
गवरजा ईशर हठीलो उभो बाग में (३)। हो थांने झालो देय बुलाय गवरजा, ईशर हठीलो उडिके बाग में।
गवरजा रबड़ी से प्यालो देदे वीरने (३) हे प्यारी चाल चाल हमारोडो देश गवरजा,थाँ विन जिवड़ो उदास रे।
गवरजा ईशर हठीलो उभो बाग में (३)। हो थांने झालो देय बुलाय गवरजा, ईशर हठीलो उडिके बाग में।
ईशर गवरल तो पूजे घर घर तीजण्यों (३) । थाने, तीज्यों पीछे देवोंला भोलाय कंवरजी
दिन दस रेवा म्होरे घर पावणा।
गवरजा ईशर हठीलो उभो बाग में (३)। हो थांने झालो देय बुलाय गवरजा, ईशर हठीलो उडिके बाग में।
पातलिया भला तो पधारया म्होरे पावणा (३)। थरी साल्यों २ करे मनवार ये दोहजी,
भला तो पधार्या म्होरे पावणा ।।
गवरजा ईशर हठीलो उभो बाग में (३)। हो थांने झालो देय बुलाय गवरजा, ईशर हठीलो उडिके बाग में।