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राम भजन लिरिक्स

Kon disha me mero baitho re sawariya,कौन दिशा में मेरो बैठो रे साँवरियो,ram bhajan

कौन दिशा में मेरो बैठो रे साँवरियो,

कौन दिशा में मेरो बैठो रे साँवरियो, लेके हाथ मुरलिया, प्यारे बंसी के बजाईया, जरा दर्शन दे, दर्शन की बलिहार ।



आगे आगे राम चलत है, पीछे लक्ष्मण भैया, जिनके बीच मे चलत जानकी, शोभा वरणी न जाइये,कौन दिशा में मेरो बैठो रे साँवरियो, लेके हाथ मुरलिया, प्यारे बंसी के बजाईया, जरा दर्शन दे, दर्शन की बलिहार ।

सावन बरसे भादवो गरजे, पवन चले पुरवईया, कौन से वृक्ष के नीचे खड़े हैं, राम लखन सिया मईया,कौन दिशा में मेरो बैठो रे साँवरियो, लेके हाथ मुरलिया, प्यारे बंसी के बजाईया, जरा दर्शन दे, दर्शन की बलिहार ।

राम बिना मोरी सुनी रे अयोध्या, लक्ष्मण बिन ठकुरईया, सीता बिना मोरा सुना रे रसोड़ा, कौन करे चतुरईया, कौन दिशा में मेरो बैठो रे साँवरियो, लेके हाथ मुरलिया, प्यारे बंसी के बजाईया, जरा दर्शन दे, दर्शन की बलिहार ।



रावण मार राम घर आये, घर घर बढ़त बढईया, मात कौशल्या करत आरती, तुलसीदास जस गईया,कौन दिशा में मेरो बैठो रे साँवरियो, लेके हाथ मुरलिया, प्यारे बंसी के बजाईया, जरा दर्शन दे, दर्शन की बलिहार ।



कौन दिशा में मेरी बैठो रे साँवरियो, लेके हाथ मुरलिया, प्यारे बंसी के बजाईया, जरा दर्शन दे, दर्शन की बलिहार ।।

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