म्हारे बाबा जी रे जिक मारे ताऊजी रे मंडी गणगौर ओ रसिया, घड़ी दोए खेलबाने जायेबा द्यौ।
घड़ी दोये जावता पलक दोय आवता, सारा दिन साथिडा में लागे ये मिर्गनायनी,थारे बिना जीवड़ो भरयो डोले।
म्हारी हाब्बी हबके म्हारी झांबि झबके म्हारी नोगरी जड़ाऊ झोला खावे ओ रसिया,घड़ी दोए खेलबाने जायेबा द्यौ।
म्हारे बापू जी रे जिक मारे चाचाजी रे मंडी गणगौर ओ रसिया, घड़ी दोए खेलबाने जायेबा द्यौ।घड़ी दोये जावता पलक दोय आवता, सारा दिन साथिडा में लागे ये मिर्गनायनी,थारे बिना जीवड़ो भरयो डोले।
म्हारे बीरा जी रे जिक मारे मामाजी रे मंडी गणगौर ओ रसिया, घड़ी दोए खेलबाने जायेबा द्यौ।घड़ी दोये जावता पलक दोय आवता, सारा दिन साथिडा में लागे ये मिर्गनायनी,थारे बिना जीवड़ो भरयो डोले।
म्हारे जीजा जी रे जिक मारे फूफा जी रे मंडी गणगौर ओ रसिया, घड़ी दोए खेलबाने जायेबा द्यौ।घड़ी दोये जावता पलक दोय आवता, सारा दिन साथिडा में लागे ये मिर्गनायनी,थारे बिना जीवड़ो भरयो डोले।