चांदनी बरस रही सज धज के, छम छम करती आजा गोरी आजा छत पे।
सासु रे ननद म्हारी जाग जासी। आऊं नी जब छम छम करती ढोला छत पे। आजा छत पे गोरी आजा छत पे।सासु रे ननद म्हारी जाग जासी। आऊं नी जब छम छम करती ढोला छत पे।
केसर काया कस्तूरी सी जो बनियों भरपूर। हिवडे से लग जाए गोरी क्यों बैठी है दूर। मत ना देर लगाए गोरी आजा छत से।छम छम करती आजा गोरी आजा छत पे।
चांदनी बरस रही सज धज के, छम छम करती आजा गोरी आजा छत पे।
हर पल साथ रहूं मैं थारे मंनडे में बस जाऊं। थे बन जाओ श्याम सांवरा मैं राधा बन जाऊं। प्रेम रो रास रचावा आपा दोनों मिलके। डर लागे जी ढोला मारी छाती धड़के।
चांदनी बरस रही सज धज के, छम छम करती आजा गोरी आजा छत पे।
आजा छत पे गोरी आजा छत पे।सासु रे ननद म्हारी जाग जासी। आऊं नी जब छम छम करती ढोला छत पे।