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Holi geet

Gora gora gaal thara ghunghatiye me rakhije,गोरा गोरा गाल थारा घूंघटीये में राखिजे,holi geet

गोरा गोरा गाल थारा घूंघटीये में राखिजे।

गोरा गोरा गाल थारा घूंघटीये में राखिजे।
की निजर कोई लग जावेली मेले में।
ओ थारे निजर कोई लग जावेली मेले में।



बाकड़ली मूँछा ने थोड़ी नीची नीची राखिज।
गेल कोई पड़ जावेली जी मेले में
ओ थाके कोई गेल पड़ जावेली जी मेले में



घायल हो जावेली दुनिया हलवा हलवा चालो
जुलम करे तारी आंखा काजिलो मत घालो।
थारा नैना तीर कटार कोई डूवेलो मजदार ,
ओ मतना तीर चलाजो जी मेले में।



(निहाल हुई मैं मैं बादीला था जिसा भरतार मिला

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सिर पे साहापो लिगिदार जीपे गोटे की किनार x2
ओ थे तो माटिकी में बतलाजो जो मेले में



उड़ उड़ जावे लाल चूंदडी हवा घूँघट खोले।
फूल झडी सो रंग बिखरे तू कोयलडी सी बोले
थारा काला काला केश जाने बदलियो सो देश ,
ओ गोरी मतना चोटी गुतवाजे रे मेले में।



प्रेम डोर से बँध गी मैं तो साजन थाके साथ
थाके सागे दिन कटे अब थाके सागे रात
रहेवा हरदम साथ साथ सुनलो म्हारे मंन की बात ओ थे तो भूल बिसर मत जाजो जी मेले मे

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