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Holi geet

Khele khele sasur ji ri Pol bhawar sang rang holi,खेले खेले ससुरजी री पोल भंवर संग रंग होली,holi geet

खेले खेले ससुरजी री पोल भंवर संग रंग होली।

खेले खेले ससुरजी री पोल भंवर संग रंग होली।
बाई रा चरत भरत देवर जेठ ओ राधा रुक्मा नंदुली।खेले खेले ससुरजी री पोल भंवर संग रंग होली।



जेठ जी का चरणा माथे मारी भर पिचकारी।
हिवडो उमँगो जेठ सा रो दिया आशिसा भारी।
जियो जियो हज़ारो साल गुणवती बेटी लाडली।



नैनो नटखट देवरियो जारो मुखड़ो रंगियो गुलाबी।
देवरिया ने कंठ लगायो माँयड बन ने भाभी
म्हारे हिवड़े रे नोसर हार परनाउं छोटी बेनडली।



भरो कटोरो रंग को रे नन्दल बाई के हाथ।
भाभी सा री चूंदड भिजी हुई प्रेम बरसात।
म्हारी नैना री काजल कोर अंगना री म्हारी कोयलडी।

रंग रसियो यू रंगी रंग में भिगो मुखड़ो म्हारो।
अंगिया भीगी लेंहगो भिगो और भिगो जोवन सारो।ओ म्हाने ऐसी रंगो जी भरतार जन्म भर तक रेहवे लाली।

खेले खेले ससुरजी री पोल भंवर संग रंग होली।
बाई रा चरत भरत देवर जेठ ओ राधा रुक्मा नंदुली।खेले खेले ससुरजी री पोल भंवर संग रंग होली।

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