थारी ओलू आवे म्हारो जिवडो जले। आजा रे बटेऊ खड़ी नीम के तले।
सांझ रे सवेरे ढोला जोऊं थारी बाटडली। क्यों परदेसी आया ना फर्रुख म्हारी आंखड़ली। जल गयो तेल बाती टीम टीम जले।आजा रे बटेऊ खड़ी नीम के तले।
थारी ओलू आवे म्हारो जिवडो जले। आजा रे बटेऊ खड़ी नीम के तले।
तीजा को त्योहार ढोला सावन की बरसात में। एकली ने डर लागे काली पीली रात में। कडके है बिजली ओ जीवडो डरे।आजा रे बटेऊ खड़ी नीम के तले।
थारी ओलू आवे म्हारो जिवडो जले। आजा रे बटेऊ खड़ी नीम के तले।
जोबनियों अनमोल ढोला गयोडो कोणी बावड़े। थारे बिना सेजा सुनी म्हाने कोनी आवड़े। छाती मारी फाटे मनड़ो धीर ना धरे। आजा रे बटेऊ खड़ी नीम के तले।
थारी ओलू आवे म्हारो जिवडो जले। आजा रे बटेऊ खड़ी नीम के तले।थारी ओलू आवे म्हारो जिवडो जले। आजा रे बटेऊ खड़ी नीम के तले।