Categories
Holi geet

Phooljhadi re mhari motya ri Ladi,फुलझड़ी रे म्हारी मोतयां री लड़ी,holi geet

फुलझड़ी रे म्हारी मोतयां री लड़ी।

तर्ज, नखरालो देवरियो भाभी पर

फुलझड़ी रे म्हारी मोतयां री लड़ी। परदेसां से आयो म्हारो छैल ले हाथ में गुलाब छड़ी।

कोई गरम गरम पानी तैयार, साबुन की बट्टी तयार पड़ी।थे तो न्हावो न्हावो म्हारा भरतार नुहावे थाने फुलझड़ी।फुलझड़ी रे म्हारी मोतयां री लड़ी। परदेसां से आयो म्हारो छैल ले हाथ में गुलाब छड़ी।

कोई गरम गरम बाजरे रा रोट फलियां री सब्जी त्यार पड़ी। थे तो जीमो जीमो म्हारा भरतार जिमावे थाने फूलझड़ी।फुलझड़ी रे म्हारी मोतयां री लड़ी। परदेसां से आयो म्हारो छैल ले हाथ में गुलाब छड़ी।

कोई दारू व्हिस्की तैयार गंजेड़ी चिलमा तयार पड़ी। थे तों पियो पियो म्हारा भरतापीला वे थाने फुलझड़ी।फुलझड़ी रे म्हारी मोतयां री लड़ी। परदेसां से आयो म्हारो छैल ले हाथ में गुलाब छड़ी।

कोई गरम गरम रजिया तैयार फुलारी सेजा त्यार पड़ी। थे तो सोवो सोवो म्हारा भरतार सुलावे थाने फुलझड़ीफुलझड़ी रे म्हारी मोतयां री लड़ी। परदेसां से आयो म्हारो छैल ले हाथ में गुलाब छड़ी।

Leave a Reply

Please log in using one of these methods to post your comment:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s