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नरसी मेहता भजन लिरिक्स

Nani Bai ne narsi samjhawe baar baar,नानी बाई ने नरसी समझावे बार-बार,

नानी बाई ने नरसी समझावे बार-बार

तर्ज,म्हारी घूमर

नानी बाई ने नरसी समझावे बार-बार। सांवल बिरो ल्यासी मायरो, ओ बाई तेरो सांवल बिरो ल्यासी मायरो।

धीर क्यों छोड़े बेटी क्यों घबरावे।राख भरोसो तेरो सांवला सा आवे। ओ बेटी क्यों कर राखी जीवडे ने तूं उदास।सांवल बिरो ल्यासी मायरो, ओ बाई तेरो सांवल बिरो ल्यासी मायरो।

तेरी भोजाई भामा रुकमण भी आसी।जो कुछ लिखवाई चिजां सगली वो लयासी।मैने सगा की चिट्ठी भेजी सांवरीये के पास।सांवल बिरो ल्यासी मायरो, ओ बाई तेरो सांवल बिरो ल्यासी मायरो।

नानी बाई ने नरसी समझावे बार-बार। सांवल बिरो ल्यासी मायरो, ओ बाई तेरो सांवल बिरो ल्यासी मायरो।

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