चालो देखण ने बाईसा, थारो बीरो नाचे रे – चालो देखण ने।बीरो नाचे रे, कि थारो भाई नाचे रे – चालो देखण ने।
आ रसियां की टोळी देखो ढोलक चंग बजावे है।
घूमर घाले साहिबो यूँ लुळ लुळ नाचे रे – चालो देखण ने।चालो देखण ने बाईसा थारो बीरो नाचे रे – चालो देखण ने।बीरो नाचे रे, कि थारो भाई नाचे रे – चालो देखण ने।
बणकर बीन्द सेवरो बांध्यो, रंग में भरया बाराती रे।मूंछ्यां वाळी बींदणी के सागे नाचे रे – चालो देखण ने।चालो देखण ने बाईसा थारो बीरो नाचे रे – चालो देखण ने।बीरो नाचे रे, कि थारो भाई नाचे रे – चालो देखण ने।
चार तो चंगा की टोल्या बाजारां में बाजे रे।
गोखां बैठी गोरड़्या घूँघट से झांके रे – चालो देखण ने।चालो देखण ने बाईसा थारो बीरो नाचे रे – चालो देखण ने।बीरो नाचे रे, कि थारो भाई नाचे रे – चालो देखण ने।
चार तो चंगां की जोड्या बागां में ही बाजे रे।
फुलड़ा चुगती गोरड़्या चंगा पर नाचे रे – चालो देखण ने।चालो देखण ने बाईसा, थारो बीरो नाचे रे – चालो देखण ने।
बीरो नाचे रे, कि थारो भाई नाचे रे – चालो देखण ने