तर्ज,धमाल
घुंघट खोल ले मिसरानी आगयो बाबा को दरबार घुंघट खोल ले। करले दर्शन श्याम धनी का करदेगो उपकार घुंघट खोल ले।
मंदिर के दरवाजे आगे भीड़ जोर की लग रही से। सामी बैठ्यो श्याम धनी तेरी सोई किस्मत जग रही से। ध्यान लगाकर दर्शन कर ले बैठो है सरकार घुंघट खोल ले।घुंघट खोल ले मिसरानी आगयो बाबा को दरबार घुंघट खोल ले।
गठजोड़ा से आज आपा दोनों धोक लगावाँगा। घूम घूम के फेरी लगावा मन इच्छा फल पावंगा।मांड मांड के पल्लो मांगा भरयो पड़ो भंडार,घुंघट खोल ले।घुंघट खोल ले मिसरानी आगयो बाबा को दरबार घुंघट खोल ले।
घुंघट खोल ले मिसरानी आगयो बाबा को दरबार घुंघट खोल ले। करले दर्शन श्याम धनी का करदेगो उपकार घुंघट खोल ले।