तर्ज,हवा के साथ साथ
बजा के चंग चंग उड़ा के रंग रंग, तू खाटू चल। तु लेकर निशान चल तु, तू भक्तों के साथ चल तू।तू खाटू चल।
फागुन का यह महीना बड़ा सुहाना। जो भी जाता हो जाता दीवाना। अरे रींगस से खाटू तक पैदल जाना,सबकुछ पाना।तू खाटू चल।। तु लेकर निशान चल तु, तू भक्तों के साथ चल तू।तू खाटू चल।
हाथों में जो श्याम ध्वजा लहराए। श्याम धनी के मन को यह तो भाये। अरे इसके होते काहे को घबराए, क्यों ना आजमाए ।तू खाटू चल।। तु लेकर निशान चल तु, तू भक्तों के साथ चल तू।तू खाटू चल।
ग्यारस बारस होली जाकर मना ले। श्याम कहे बाबा से सब कुछ पा ले। खाटू वाले के खेल है निराले, तु जाके रीझाले।तू खाटू चल।। तु लेकर निशान चल तु, तू भक्तों के साथ चल तू।तू खाटू चल।
बजा के चंग चंग उड़ा के रंग रंग, तू खाटू चल। तु लेकर निशान चल तु, तू भक्तों के साथ चल तू।तू खाटू चल।