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श्याम भजन लिरिक्स

Shyam baba ka dar mil gaya,श्याम बाबा का दर मिल गया ,shyam bhajan

श्याम बाबा का दर मिल गया

श्याम बाबा का दर मिल गया एक बेघर को घर मिल गया,एक भटके से रही को यु आसरा उम्र भर मिल गया,



जिस ने श्रद्धा से माँगा यहाँ उसको मोह माँगा वर मिल गया,बेघरों को भी जैसे नया आशियाना चाँद पर मिल गया,
श्याम बाबा का दर मिल गया,



किसको देखु तुझे देख कर जब तू जाने नजर मिल गया,श्याम जी की नजर हो गाई बेहुनर को हुनर मिल गया,
श्याम बाबा का दर मिल गया।



मिल ही जाएगी मंजिल हमे तू ही जब हमसफ़र मिल गया,हो गया तेरा साजिद निहाल तेरे दर से ये सिर मिल गया,
श्याम बाबा का दर मिल गया

श्याम बाबा का दर मिल गया एक बेघर को घर मिल गया,एक भटके से रही को यु आसरा उम्र भर मिल गया,

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