प्रभु की याद में घड़ियाँ जो जीवन की बितायेगा। कमाई का यह धन है , सफर में काम आएगा ।
बिना इसके किसी धन ने कभी न साथ जाना है ,सिकन्दर की दशा सब को सुना कर के चेताना है ।गया जो चेत निश्चय ही प्रभु को न भुलाएगा । कमाई का यह धन है , सफर में काम आएगा ।
महाजन बन गये लाखों प्रभु से नेह लगा करके ,
निभाया धर्म याचक का किसी के काम आ करके ।इसी यश को कमा करके अमर यश को बनाएगा ।कमाई का यह धन है , सफर में काम आएगा ।
लगा श्वासों की पूँजी को अमर साथी के चिन्तन में,अनोखे काम कर डाले ऋषि सेवा के जीवन में ।पढ़ेगा जो ऋषि – जीवन इसी शिक्षा को पायेगा ।कमाई का यह धन है , सफर में काम आएगा ।
कमाना देश इस धन को , कमाया जा सके जितना ,बुराइयों से बचा निज को , बचाया जा सके जितना ।
विदाई के समय तू भी ऋषि सम मुस्कराएगा ।कमाई का यह धन है , सफर में काम आएगा ।