तर्ज,सतगुरु में तेरी पतंग
लेकर निशान हाथों में बाबा तेरे नाम का। जयकारा लगाए प्रेमी सब जय श्री श्याम का।
जिस घर पर श्याम धनी का निशान लहराए, निशान लहराए। उस घर पर विपदा से पहले मेरा श्याम आ जाए, मेरा श्याम आ जाए। रखता है मान मेरा बाबा भक्तों के सम्मान का।जयकारा लगाए प्रेमी सब जय श्री श्याम का।
लेकर निशान हाथों में बाबा तेरे नाम का। जयकारा लगाए प्रेमी सब जय श्री श्याम का।
जिन भक्तों ने रींगस से श्याम निशान उठाया है, निशान उठाया है। नंगे नंगे पांव चलकर खाटू में चढ़ाया है, खाटू में चढ़ाया है। बन गया लाडला फिर वह मेरे बाबा श्याम का। जयकारा लगाए प्रेमी सब जय श्री श्याम का।
लेकर निशान हाथों में बाबा तेरे नाम का। जयकारा लगाए प्रेमी सब जय श्री श्याम का।
बनकर भक्तों की टोली जब निशान लहराती। जब निशान लहराती। बजे तोरण द्वार पर ढोल तो मस्ती भी चड़ जाती, मस्ती भी चड़ जाती। होता है नजारा अनोखा फिर तोरण द्वारका। जयकारा लगाए प्रेमी सब जय श्री श्याम का।
लेकर निशान हाथों में बाबा तेरे नाम का। जयकारा लगाए प्रेमी सब जय श्री श्याम का।
सारी दुनिया से निराला दरबार तुम्हारा है, दरबार तुम्हारा है। जो हार के आया खाटू में उसे मिला सहारा है, उसे मिला सहारा है। भूषण शर्मा है दीवाना तेरे खाटू धाम का। जयकारा लगाए प्रेमी सब जय श्री श्याम का।
लेकर निशान हाथों में बाबा तेरे नाम का। जयकारा लगाए प्रेमी सब जय श्री श्याम का।