होरी में रंग रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी।।श्री वृंदावन बिहारी,श्री वृंदावन बिहारी। और साथ रंग रही है बृसभान की दुलारी।
करुणा भरी कनोरी मेरे लाडली के कर में।मेरे लाडली के कर में, मेरे लाडली के कर में। रस का भरा समंदर बिहारी जी की नजर में। भर भर बिहारी डाले रस की भरी फुहारी।होरी में रंग रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी।।होरी में रंग रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी।।
गोपाली यह थोड़ी हरिदासी मन समाई। खुद को रमा ले भाव में पूनम भी तो है आई। अपने ही रंग में रंग दे श्री राधा रसिक बिहारी। और साथ रंग रही है हरिदास की दुलारी।होरी में रंग रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी।।होरी में रंग रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी।।
होरी में रंग रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी।।श्री वृंदावन बिहारी,श्री वृंदावन बिहारी। और साथ रंग रही है बृसभान की दुलारी।