नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले,
माया ना साथ चले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
दस से सोलह गए खेल में,
बीस गए तेरे मन के मैल में,
चालीस गए तेरे नारी के फेर में,
पचपन हाथ मले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
अब तो जाग पड़ा क्यों सोवै,
सोने से तेरा काम ना होवै,
हर मन की तू कहाँ तक ढोवै,
टाले ना ही टले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
भजन करे तो हर सुख पावै,
धन दौलत तेरे काम ना आवै,
काया भी तेरे साथ ना जावै,अग्नि बीच जले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
सुमिरन ध्यान लगा ले प्राणी,
हो नहीं तेरी कुछ भी हानि,
कहत कबीर सुनो अज्ञानी,
कर ले करम तू भले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले,
माया ना साथ चले,
नर चेत गुमानी, माया ना संग चले,
नर चेत ले गुमानी, माया ना साथ चले।