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श्याम भजन लिरिक्स

Rang rangila baba ka jab lakhhi Mela aata hai,रंग रंगीला बाबा का जब लखी मेला आता है,shyam bhajan

रंग रंगीला बाबा का जब लखी मेला आता है।

जिसको देखो उसके ऊपर रंग अजब चड़ जाता है। रंग रंगीला बाबा का जब लखी मेला आता है। रंग रंगीला बाबा का जब फागण मेला आता है।

जिस मस्ती के लिए आज यह पूरी दुनिया तरसती है। फागण का मतलब ही होता धूम धमाल और मस्ती है। यहां जो आता है उसका दीवानापन बढ़ जाता है।रंग रंगीला बाबा का जब लखी मेला आता है। रंग रंगीला बाबा का जब फागण मेला आता है।

याद नहीं रहता है कुछ भी श्याम के दर पर आकर के। मस्त मगन हो जाते प्यारे प्यार श्याम का पाकर के। वह हो जाता बावला जिस पर श्याम रंग चढ जाता है। रंग रंगीला बाबा का जब लखी मेला आता है। रंग रंगीला बाबा का जब फागण मेला आता है।

रींगस से ही दिख जाती है इस मेले की हलचल है। श्याम ध्वजा लेकर के प्रेमी आते खाटू पैदल है। अनजाने लोगों से भी यहां तार दिल का जुड़ जाता है।।रंग रंगीला बाबा का जब लखी मेला आता है। रंग रंगीला बाबा का जब फागण मेला आता है।

बड़ा ही सुंदर लगे नजारा श्याम धनी के द्वारे। रंगो के इत्र की भी पड़ती यहां फुहारे। इत्र की खुशबू से संजय कुंदन मन कर जाता है। रंग रंगीला बाबा का जब लखी मेला आता है। रंग रंगीला बाबा का जब फागण मेला आता है।

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