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विविध भजन

Na to der hai na andher hai,ना तो देर है ना अंधेर है तेरे कर्मो का ये सब फेर है,

ना तो देर है ना अंधेर है,
तेरे कर्मो का ये सब फेर है,

ना तो देर है ना अंधेर है,
तेरे कर्मो का ये सब फेर है,
तेरे कर्मो का ये सब फेर है।।



लाखो तीरथ जाके नहाले,
मिटते नहीं कभी कर्मो के काले,
नेकी की मन में ज्योत जगा ले,
और जीवन में करले उजाले,
ना तो देर है ना अन्धेर है,
तेरे कर्मो का ये सब फेर है।।

ना तो देर है ना अंधेर है,
तेरे कर्मो का ये सब फेर है,
तेरे कर्मो का ये सब फेर है।।

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