तर्ज बाबुल का ये बहना
खाटू तू आकर देख, यहाँ सच्ची अदालत है। श्याम अपने भक्तो की, खुद करता वकालत है।
पापी का दिल धड़के, जब नज़रें मिलती है।पापी भी तर जाए जो माने गलती है। होता सपर्पण तो, बा इज्जत जमानत है। श्याम अपने भक्तो की, खुद करता वकालत है।
खाटू तू आकर देख, यहाँ सच्ची अदालत है, श्याम अपने भक्तो की, खुद करता वकालत है।
जग की अदालत में, अँधा कानून चले। रिश्वत के दम पे वहां, हाँ होते कई फैसले। न्याय खरा इनका, नहीं कोई मिलावट है। श्याम अपने भक्तो की, खुद करता वकालत है।
खाटू तू आकर देख, यहाँ सच्ची अदालत है। श्याम अपने भक्तो की, खुद करता वकालत है।
दुखियारे करते है, बिगड़े मुक़दमे भी। इस दर पे संवरते है,अर्जी की पेशी यहाँ। बिट्टू शरण आजा, बाबा करता हिफाजत है।श्याम अपने भक्तो की, खुद करता वकालत है।
खाटू तू आकर देख, यहाँ सच्ची अदालत है। श्याम अपने भक्तो की, खुद करता वकालत है।