तू लंका का राजा से मैं रामदूत मतवाला सू। तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
सीता मां को हर लाया तू भारी पाप कमाया से। साधु बनकर आया था तू मैया ने हर लाया से। अब भी समय है मानजा पापी मैया को वापस कर दे। क्षमा मांग ले राम प्रभु से उन चरणों में सर रख दे। जो तू माफी मांगे तुझको माफी दिलाने वाला सु।तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
तू लंका का राजा से मैं रामदूत मतवाला सू। तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
बात सुनी हनुमान की रावण भारी क्रोध में आया से। खटक उठाई हाथों में और उसे मारने आया से। दूत की हत्या ना कर सकते विभीषण ने समझाया से। नीति ज्ञान की बातें अपने भाई ने सिखलाया से। छोटा हूं मैं भाई आपका बात बड़ी बतलाता सु।तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
तू लंका का राजा से मैं रामदूत मतवाला सू। तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
रावण ने फिर तेल मंगाया रुई भी मंगवाई से। घी मंगवाया देसी भक्तों डोरी भी मंगवाई से। वानर को है पूछ पियारी बात यह रावण जाने से। हनुमान को सजा दिलाओ पापी मन में ठाणे से। तेरी पूंछ में सुन ले वानर आग लगाने वाला सू।तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
तू लंका का राजा से मैं रामदूत मतवाला सू। तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
तेल रुई की डोरी बांधने राक्षस जो ही आए से। पूछ बढ़ाई हनुमान ने उसको पकड़ नहीं पाए से। जैसे तैसे हनुमान की पूंछ में आग लगाई से। जय श्री राम का नारा बोलकर उची कूद लगाई से। भोले हनुमत राम नाम का डंका बजाने वाला सु।तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
तू लंका का राजा से मैं रामदूत मतवाला सू। तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
राम नाम की शक्ति भक्तों हनुमत ने दिखलाई से। रावण की सोने की लंका पल में राख बनाई से। सीता मां को राम प्रभु की मुद्रिका दिलवाई से। अष्ट सिद्धि नवनिधिया मां से हनुमान ने पाई से। चंदन तिलक लगाकर कहते रामदूत मतवाला सु।तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।
तू लंका का राजा से मैं रामदूत मतवाला सू। तेरा अंत निकट है रावण यह बतलाने वाला सु।