इस सांवरिया के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं। इस सांवरिया के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।
काली रात देवकी ने जायो। काली रात फिर गोकुल आयो। उस काली रात ने देख के,कहीं पागल ना हो जाऊं। इस सांवरिया के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।
काली नाग नाथ कर लायो। काली नाग पर खेल रचायो। उस काली नाग ने देखकर, कहीं पागल ना हो जाऊं। इस सांवरिया के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।
वह काला उसकी गौवे काली। नंद की सारी बंसी काली। उसकी बांसुरी की धुन सुन के, कहीं पागल ना हो जाऊं। इस सांवरिया के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।
नरसी जी का भात भराय। भात भरावन सिरसा आया। मैं उसके प्यार ने देखके,कहीं पागल ना हो जाऊं। इस सांवरिया के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।