सुपनो आयो ढलती रात ने निंदडली खोगी। इबके फागुन खाटू जाने की तैयारी होगी।
खाटू को नजारों दिल में बसा के। सूत्यो थो आंसू ढलका के। दिखयो सांवरो सलोनों सुध बुध खोगि, हां सुध बुध खोगि।इबके फागुन खाटू जाने की तैयारी होगी।
सुपनो आयो ढलती रात ने निंदडली खोगी। इबके फागुन खाटू जाने की तैयारी होगी।
सुपने में सांवरियो आयो, खाटू को संदेशो लायो।पुछ्यो सिर पे हाथ फिराके के लाचारी होगी,के लाचारी होगी।इबके फागुन खाटू जाने की तैयारी होगी।
सुपनो आयो ढलती रात ने निंदडली खोगी। इबके फागुन खाटू जाने की तैयारी होगी।
मेरे होता क्यो घबराए।श्याम कहे क्यों धीर गंवाए। बाता बाता माही सांवरे से यारी होगी।म्हारी यारी होगी।इबके फागुन खाटू जाने की तैयारी होगी।
सुपनो आयो ढलती रात ने निंदडली खोगी। इबके फागुन खाटू जाने की तैयारी होगी।
शिवम की अर्जी सुन आयो। अनुभव ने हिवडे से लगायो। रातों-रात सुन लो श्याम की दाता री होगी। हां दाता री होगी।इबके फागुन खाटू जाने की तैयारी होगी।
सुपनो आयो ढलती रात ने निंदडली खोगी। इबके फागुन खाटू जाने की तैयारी होगी।