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विविध भजन

Yo sansar paap ka bandhan Tod liye je Tod sake,यो संसार पाप का बंधन तोड़ लिए जै तोड़ सकै,

यो संसार पाप का बंधन,तोड़ लिए जै तोड़ सकै

यो संसार पाप का बंधन,तोड़ लिए जै तोड़ सकै ते।उस ईश्वर से नाता बन्दे, जोड़ लिए जै जोड़ सके तै।



पाप मूल अभिमान बतावे दया धर्म का मूल मिले। अक्षर लिख राखे ना उस के घर में भूल मिले।लख चौरासी में लिख राखे शुक्ष्म और स्थूल मिले।तू किस का मान गुमान करे से,अंत धूल मे धूल मिले।आशा तृष्णा तै बन्दे मुह मोड़ लिए जै मोड़ सके तै।उस ईश्वर से नाता बन्दे, जोड़ लिए जै जोड़ सके तै।


दसों ठगनी तेरे शरीर की,चित्त बुद्धि ने भंग करें।
नित नए-2 खेल खिलावन खातिर,मन मुर्ख तने तंग करे।काम क्रोध मद लोभ मोह में धर्म की गेल्या जंग करें।विषय रूप अहंकार के फंदे,तेरे फांसन का ढंग करें।
ये अन्धकूप में जा पटकें,दौड़ लिए जै दौड़ सके तै।उस ईश्वर से नाता बन्दे, जोड़ लिए जै जोड़ सके तै।



चेती जा तै चेत बावले,फेर के बाकी रह जागा।
धन का होजा रेत बावले,फेर के बाकी रह जागा।
कर उस ईश्वर से हेत बावले,फेर के बाकी रह जागा।जब चिड़िया चुग जा खेत बावले,फेर के बाकी रह जाग।
दसवां द्वार ब्रह्म का रास्ता,फोड़ लिए जै फोड़ सके तै।उस ईश्वर से नाता बन्दे, जोड़ लिए जै जोड़ सके तै।


एक ने मार पांच मर जावे,बात बढ्न की ना सै रै।अक्षर पढ़ ले एक ॐ का घने पढ़न की ना सै रै।जो सत्संग सेल लागजा तन में,और गढ़न की ना सै रै।
काट की हांड़ी चढ़े एक बै, फेर चढ़न की ना सै रै
कृष्ण लाल ज्ञान का चमचा,रोड लिए जै रॉड सके तै।उस ईश्वर से नाता बन्दे, जोड़ लिए जै जोड़ सके तै।

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