कान्हा क्यों मुझको, इतना सताते हो,
गोरे गालो में रंग, क्यों लगाते हो,
कान्हा क्यों मुझको, इतना सताते हो,
गोरे गालो में रंग, क्यों लगाते हो,
मानते हो क्यों ना जब मैं, करती हूँ इंकार,
कैसे भला मैं मानूँ, करूँ तुमसे प्यार,
आया होली का त्योंहार।
क्यों खड़े हो लेके पिचकारी,
मानते ना हो बाँके बिहारी,
तुमसे है मेरा जन्मों का नाता,
राधिके जानती दुनियाँ सारी,
छोड़ दो कलाई मेरी, मदन मुरार,
कैसे भला मैं मानूँ, करूँ तुमसे प्यार,
आया होली का त्योंहार।आया होली का त्योंहार।
तुम्हे होली का चढ़ा है उमंग जी,
तभी तो पीछे पड़े हो लेके रंग जी,
चाहे जो भी हो जाए ओ राधा,
मैं तो होली खेलू तेरे संग जी,
संगीता गाए भजन, तरुण तुषार,
कैसे भला मैं मानूँ, करूँ तुमसे प्यार,