फागण महीना आया उड़ता गुलाल
शीश दानी बाबा खाटू वाले सजते
प्रेमी नाचते हैं झूम झूम ढोलक नगाड़े चंग बजते।शीश दानी बाबा खाटू वाले सजते।
भर भर लाओ सारे रंग पिचकारियां
खाटू में होने हैं लगी मेले की तैयारियां
मौका ना छोड़ेंगे आज रंगने का सांवरे को
देखते हैं श्याम कैसे बचते
प्रेमी नाचते हैं झूम झूम ढोलक नगाड़े चंग बजते।शीश दानी बाबा खाटू वाले सजते।
सांवरा भी देखो मंद मंद मुस्का रहा
नैनो ही नैनो में बाबा दिल को चुरा रहा
खेल ये निराला खेल समझ ना आये
तुझे देख देख दिल नहीं रजते
प्रेमी नाचते हैं झूम झूम ढोलक नगाड़े चंग बजते।शीश दानी बाबा खाटू वाले सजते।
शोभा है निराली चरों दिशा में निशान की
महिमा निराली खाटू वाले घनश्याम की
गौरवो को गौरव बढ़ाते खुद आप लेखनी में बैठे बाबा खुद जंचते
प्रेमी नाचते हैं झूम झूम ढोलक नगाड़े चंग बजते।शीश दानी बाबा खाटू वाले सजते।
फागण महीना आया उड़ता गुलाल
शीश दानी बाबा खाटू वाले सजते