तर्ज,आजा तुझको पुकारे
चुपचाप बैठे सरकार,थोड़ा वक्त निकालो मेरे वास्ते चुपचाप बैठे सरकार ।।
तुमने बुलाया हम चले आये तेरे द्वार पे बाबा,
दर पे बुला कर मुह को छुपाके, बैठै कयु मेरे बाबा।गौर करो ना एक बार,
थोड़ा वक्त निकालो मेरे वास्ते ,चुपचाप बैठे सरकार ।।
कितनी परीक्षा लिख दी है बाबा, तुने भाग्य में मेरे।अफसोस है ये डुब रही है, नैया सामने तेरे।
हंसने लगा है संसार हो
थोड़ा वक्त निकालो मेरे वास्ते,चुपचाप बैठे सरकार ।।
हमको लगा ये चौखट तुम्हारी होगी मेरा किनारा।
हालत तो देखो दर पे हू तेरे,फिर भी ढूंढू सहारा।
भक्ति हुई है शर्मशार हो
थोड़ा वक्त निकालो मेरे वास्ते,चुपचाप बैठे सरकार ।।
इतने दुखों को तु ही बता दें बाबा,कैसे सहुंगा
तुमसे नहीं तो मैं दिल की बात बता दें ,किससे कहुंगा।
सुनले तू मेरी ये पुकार हो
थोड़ा वक्त निकालो मेरे वास्ते,चुपचाप बैठे सरकार ।।