शीश गंगा गले नाग काला,
दूल्हा बनके चला डमरू वाला,
सारे देवों में देव निराला,
हाँ मेरा भोला बड़ा भोला भाला,
शीश गंगा गले नाग काला,
दूल्हा बनके चला डमरू वाला।।
बम भोला बम भोला बम भोला,
बम भोला बम भोला बम भोला।
सजधज आज चले शम्भू,
मन में फुट रहे लड्डू,
दिल में ज्यादा ब्याह का चाव,
आज जमीं पे पड़े ना पाँव,
भोले जी इतराते है,
सब बलिहारी जाते है,
भेष शिव ने बनाया निराला,
दूल्हा बनके चला डमरू वाला।।
बम भोला बम भोला बम भोला,
बम भोला बम भोला बम भोला।
नंदी बेल सवारी है,
पूरी हुई तयारी है,
भांग धतूरा साथ लिया,
त्रिशूल डमरू हाथ लिया,
भस्मी का मल के उबटन,
चले है गौरा को ब्याहन,
कंठ में पहनी रुण्डो की माला,
दूल्हा बनके चला डमरू वाला।।
बम भोला बम भोला बम भोला,
बम भोला बम भोला बम भोला।
बिच्छू सर्पो के गहने,
औघड़दानी ने पहने,
देव मनुष्य और भुत पिशाच,
बन बाराती रहे है नाच,
पेट पे तबला बजा रहे,
शोर भयंकर मचा रहे,
मन में मुस्काए दीनदयाला,
दूल्हा बनके चला डमरू वाला।।
बम भोला बम भोला बम भोला,
बम भोला बम भोला बम भोला।
शीश गंगा गलें नाग काला,
दूल्हा बनके चला डमरू वाला,
सारे देवों में देव निराला,
हाँ मेरा भोला बड़ा भोला भाला,
शीश गंगा गलें नाग काला,
दूल्हा बनके चला डमरू वाला।।