रुखी सुखी रोटी भोले खाइयो मेरे हाथ से,
सुल्फा गांजा भांग धतुरा मेरे को ना भात से
रुखी सुखी रोटी भोले खाइयो मेरे हाथ से,
देशी रोटी घर में भोले खइयो बड़े चाव से
भंगियाँ न मिलेगी भोले लस्सी मठा ठाठ से
मार पालकी बेठ के भोले जीमू बड़े ठाठ से।
रुखी सुखी रोटी भोले खाइयो मेरे हाथ से,
राह निहारु कब से भोले देखू तेरी बाट से
जिस दिन घर आवो गे भोले बन जावे की बात से।आगड़ पड़ोसी तब देखेगे रिश्ता तुझसे खास है।रुखी सुखी रोटी भोले खाइयो मेरे हाथ से,
उड़ चटकनी से रोटी भोले लागे धनी प्यारी से।
देखोगे अगर जाके भोले अब के बारी मेरी से।
रणजीत की तुम सुन ले भोले वो तो पालनहार से।रुखी सुखी रोटी भोले खाइयो मेरे हाथ से,
रुखी सुखी रोटी भोले खाइयो मेरे हाथ से,
सुल्फा गांजा भांग धतुरा मेरे को ना भात से
रुखी सुखी रोटी भोले खाइयो मेरे हाथ से,