एक भूत शिव से बोला, काँधे पे रख के झोला, भोला भांग खाओगे, या दम लगाओगे, भोले भांग खाओगे, या दम लगाओगे।।
तेरी भांग में मस्ती बड़ी है, पिए सारी ये बस्ती पड़ी है,तू भी तो मस्तमोला, तू भी तो मस्तमोला, तेरे भक्त मस्तमोला, भोले भांग खाओगे, या दम लगाओगे ।।
आजा आजा ओ भूतों के राजा, लाया देखो चिलम संग गांजा, लाया आक और धतूरा, लाया आक और धतूरा, तेरा भोग पुरा पुरा, भोले भांग खाओगे, या दम लगाओगे।।
तुम तो शमशान के बाबा वासी, कभी उज्जैन और कभी काशी, कलकत्ता नीमतल्ला, कलकत्ता नीमतल्ला, तेरे भक्त करे हल्ला, भोले भांग खाओगे, या दम लगाओगे।।
हर घर में है तेरा ठिकाना कहे भूतनाथ तुमको जमाना, ‘रोमी’ भी तुमसे बोला ‘रोमी’ भी तुमसे बोला, काँधे पे रख के झोला, भोले भांग खाओगे, या दम लगाओगे।।