डम डम, डम डम डमरु बाजे,
डम डम, बाजे डमर।
हो मेला भोले का जय हो लगे नीलकंठ द्वार,
हो कावड़िया बोल रहे, जय हो जैकार,
हो मेला भोले का, जय हो , लगे नीलकंठ द्वार,
हो कावड़िया बोल रह, जय हो जैकार,
हो मेला भोले का।
डम डम, डम डम डमरु बाजे,
डम डम, बाजे डमरु।
हो जग का मालिक, भोला बाबा रहता मस्त मलंग है ,
शिव के नाम का, मुझको भी यह चढ़ गया देखो रंग है ।
हो सोए भाग, जगा के मेरे करदे बेडा पार,
हो मेला भोले का, जय हो , लगे नीलकंठ द्वार।डम डम, डम डम डमरु बाजे,
डम डम, बाजे डमरु।
तन पे भबूती, सोहे माथे, पे सोहणा सा चंदा ।
जटा बीच, गंग बहती सोहनी, गल में नाग भुजंगा।
हो तेरा रूप, बड़ा सोहना लगता, हम हो गए बलिहार,
हो मेला भोले का, जय हो लगे नीलकंठ द्वार।डम डम, डम डम डमरु बाजे,
डम डम, बाजे डमरु।
कमल पूरी को, शिव के नाम का, हो गया आज सरूर ।
अपनी दया का, मेरे सर पे, रख दो हाथ जरूर ।
हो दर्शन दे दो, भक्तों को,यह कहता राम अवतार,
हो मेला भोले का, जय हो , लगे नीलकंठ द्वार।डम डम, डम डम डमरु बाजे,
डम डम, बाजे डमरु।