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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhaye mahakal ko ujjain nagri,भाई महाकाल को उज्जैन नगरी,shiv bhajan

भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।

ना कोई महल ना खार टपरी। भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।

चिंता हरे गणेश भैरव है प्रहरी। हरसिद्धि के पास मां शिप्रा ठहरी। अमृत बरसे देवों की नगरी।भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।ना कोई महल ना खार टपरी। भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।

बाग उपवन तुझे अच्छा ना लगे शमसानों में तेरा डेरा लगे। मुर्दों की भस्म है तन पर रम रही।भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।ना कोई महल ना खार टपरी। भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।

हो जावे फिक्र लगाकर अर्जी। जाने महाकाल सब तेरी मर्जी। खुशी दिन-रात भक्तों में बट रही। भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।ना कोई महल ना खार टपरी। भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।

ना कोई महल ना खार टपरी। भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।ना कोई महल ना खार टपरी। भाई महाकाल को उज्जैन नगरी।

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