शिव मुझ में है शिव तुम में है। शिव अनेक में शिव एक है।
हर कण-कण का मन है शिव से रोशन। बोल बम बम मिलेंगे शिव के दर्शन। बन जाऊं मैं भस्म शिव मुझको ओढ़ ले। मिल जाए अगर शिवजी मन भी छोड़ दे।
शिव राख में शिव आग है। शिव अनेक में शिव एक है। शिव ही में धरती शिव ही में गगन समाया। शिव ही दिन शिव ही रात सजाया। शिव ही से मुक्ति शिव ही से जीवन पाया । शिव ही गंगा शिव ही प्यास जगाए। शिव ही अमृत शिव ही विष पिलाया।
शिव प्राण है शिव काल है । ओंकार है महाकाल है।शिव मुझ में है शिव तुम में है। शिव अनेक में शिव एक है।