तर्ज,कन्हैया जमना में डर
आवे हिचकी मने आवे हिचकी, कैलाश गये भोले की याद सतावे हिचकी। मने आवे हिचकी,कैलाश गये भोले की याद सतावे हिचकी।
म्हारे आंगन बेरिया उसके मीठे बेर , अबकी भोले घर आजा तो जाने न दूंगी फेर। मने आवे हिचकी,कैलाश गये भोले की याद सतावे हिचकी।
हमारे आंगन पीपरी और उसके पीले पात , अबकी भोले घर आजा हम बैठे दोनो साथ। मने आवे हिचकी,कैलाश गये भोले की याद सतावे हिचकी।
हमारे आंगन कुंडी सोटा उसमें घोंटी भांग , अबकी भोले घर आजा मैं रोज पिलाऊं भांग। मने आवे हिचकी,कैलाश गये भोले की याद सतावे हिचकी।
हमारे आंगन बाल्टी उसमें घोला रंग , अबकी भोले घर आजा हम होली खेलें संग। मने आवे हिचकी,कैलाश गये भोले की याद सतावे हिचकी।