तर्ज, मीठे रस से भरियोडी
भोले बाबा तेरी जटा में ,
गंगा प्यारी लागे ।
तेरी लीला भोले ,
सब सूं न्यारी लागे ।
प्यारी लागे ओ ,
लीला प्यारी लागे ,
भोले बाबा तेरी जटा में ,
गंगा प्यारी लागे ।
हाथ में त्रिशूल सोहे ,
गले रूण्ड की माळा ।
कानों में तो कुण्डल सोहे ,
पीये भंग का प्याला ।
जिसको देखो वो ही ,
भोले का पुजारी लागे ॥
तेरी लीला भोले ,
सब सूं न्यारी लागे ।
भोले बाबा तेरी । ……
आडावल पर्वत के ऊपर ,
परशुराम कहलावे ।
उनकी विपदा दूर हुई जो ,
शरण आपकी आये ।
मुझको आती हुई ,
भोले की सवारी लागे ॥
तेरी लीला भोले ,
सब सूं न्यारी लागे।
भोले बाबा तेरी । ……