शंभू यह तेरी माया कहीं है धूप कहीं है छाया। खुद तू ने विष पिया औरो को अमृत पिलाया। तेरे जैसा योगी ना मिला है ना पाया। सांसे तब तक चलेगी जब तक रहेगा तेरा साया।
शंभू यह तेरी माया कहीं है धूप कहीं है छाया।शंभू यह तेरी माया कहीं है धूप कहीं है छाया।
तुम अघोरी भस्म सनी तेरी काया। त्रिशूल उठाकर तांडव तब डमरू डम डमाया। कापी है धरती जग घबराया अंबर थरथराया।
शंभू यह तेरी माया कहीं है धूप कहीं है छाया।शंभू यह तेरी माया कहीं है धूप कहीं है छाया।
औरों को दौलत बांटे खुद से दूर मोह माया। सांसो में योगी योगी में संसार समाया।
शंभू यह तेरी माया कहीं है धूप कहीं है छाया।शंभू यह तेरी माया कहीं है धूप कहीं है छाया।