खाटू का फागण त्यौहार जिसने देखा पहली बार। श्याम धनी का वह दरबार जिसने देखा पहली बार। श्याम दीवाना हो गया वह श्याम दीवाना हो गया।
रींगस से खाटू नगरी तक श्याम ध्वजा लहराए। जगह-जगह से भक्त अनोखे दर्शन खातिर आए। खाटू का वह तोरण द्वार जिसने पार किया एक बार।श्याम दीवाना हो गया वह श्याम दीवाना हो गया।
खाटू का फागण त्यौहार जिसने देखा पहली बार। श्याम धनी का वह दरबार जिसने देखा पहली बार। श्याम दीवाना हो गया वह श्याम दीवाना हो गया।
खाटू मंदिर के बाहर वो प्रेमियों की टोली। चंग बजावे रंग उड़ाए और मचाए होली। दर्शन की वह लंबी कतार जिसने देखी पहली बार। श्याम दीवाना हो गया वह श्याम दीवाना हो गया।
खाटू का फागण त्यौहार जिसने देखा पहली बार। श्याम धनी का वह दरबार जिसने देखा पहली बार। श्याम दीवाना हो गया वह श्याम दीवाना हो गया।
मकरानी की मूर्ति अंदर मुखड़ा सोना सोना । धरती से अंबर तक ना कोई ऐसा रूप सलोना। बागा संग नौलखा हार जिसने देखा वह सिंगार। श्याम दीवाना हो गया वह श्याम दीवाना हो गया।
खाटू का फागण त्यौहार जिसने देखा पहली बार। श्याम धनी का वह दरबार जिसने देखा पहली बार। श्याम दीवाना हो गया वह श्याम दीवाना हो गया।
खाटू जैसा धाम बताओ किसने और कहां देखा। शिवम यह जन्नत का नजारा ना देखा तो क्या देखा। नम्रता से श्याम का द्वार जिसने कर लिया है स्वीकार। श्याम दीवाना हो गया वह श्याम दीवाना हो गया।
खाटू का फागण त्यौहार जिसने देखा पहली बार। श्याम धनी का वह दरबार जिसने देखा पहली बार। श्याम दीवाना हो गया वह श्याम दीवाना हो गया।